केंद्र में मोदी सरकार के 11 साल से अधिक का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस दौरान कई नाम परिवर्तन किए गए हैं। अब इसी श्रृंखला में देश के सभी राज्यों के राजभवनों का नाम बदलकर लोकभवन कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद यह बदलाव अब आधिकारिक रूप से लागू हो गया है। इससे पहले दिल्ली में राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया गया था और प्रधानमंत्री आवास का नाम लोक कल्याण मार्ग रखा गया था।
मोदी सरकार क्या संदेश देना चाहती है?
नाम बदलने की इन पहल के माध्यम से मोदी सरकार यह स्पष्ट संदेश देने की कोशिश कर रही है कि सत्ता का उद्देश्य पद का लाभ उठाना नहीं, बल्कि जिम्मेदारी निभाना है। यह परिवर्तन केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक व्यापक सोच का हिस्सा हैं, जो बताता है कि सरकार जनता की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
लोकभवन का महत्व
राजभवन को लोकभवन नाम देने का अर्थ यह है कि शासन की हर संरचना में “कर्तव्य” और “जनसेवा” की भावना को प्रमुखता दी जा रही है। भले ही कुछ लोगों को ये बदलाव प्रतीकात्मक लगें, लेकिन इनका संदेश गहरा है—यह लोकतंत्र की दिशा में मानसिकता बदलने वाली पहल है। हर कार्यालय, हर भवन और हर नाम इस बात की पुष्टि करता है कि शासन का मूल उद्देश्य जनता की सेवा है।